सदी के महानायक अमिताभ को राजनीति रास नहीं आई। अमिताभ ने राजनीति क्यों छोड़ी इसे लेकर कई तरह की बातें होती है लेकिन अमिताभ के राजनीति छोड़ने की असली वजह क्या थी खुद उनकी पत्नी जया बच्चन ने बताया। जया जी का क्या कहना है इस बारे में आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में।
गांधी परिवार के साथ बच्चन फैमली की दोस्ती जगजाहिर है। हरिवंश राय बच्चन और पंडित नेहरू हो या फिर अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी। इन दोनों परिवार के दोस्ती के किस्से किसी से छिपे नहीं हैं। अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ ने इलाहाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने को तैयार हुए थे। कांग्रेस पार्टी की टिकट पर जब अमिताभ ने हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ ताल ठोकी तो इलाहाबाद की जनता ने अमिताभ को हाथों हाथ लिया। अमिताभ हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज नेता को हराकर या यूं कहें कि उनका राजनीतिक करियर तबाह कर संसद पहुंच गए। लेकिन अमिताभ ज्यादा समय तक राजनीति में टिक नहीं पाए।
अमिताभ ने राजनीति क्यों छोड़ दी इस बात को लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई गई। दावा यहां तक किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने फायदे के लिए अमिताभ बच्चन का इस्तेमाल किया जिससे नाराज होकर अमिताभ ने राजनीति छोड़कर पूरी तरह से फिल्मी दुनिया में लौट आए।
लेकिन इन बातों के जया बच्चन कोरी अफवाह मानती हैं। जया जी का कहना है कि उनके पति के राजनीति से सन्यास लेने के पीछे ऐसी कोई वजह नहीं थी जैसा की बताया जाता है। जया बच्चन समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद है और बतौर सांसद वो अपना काम बखूबी निभा रही हैं। जया की मानें तो बिग बी ने भावुक होकर जल्दबाजी में राजनीति ज्वाइन किया था।
लेकिन उन्हें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि सियासत उनके बस की बात नहीं हैं। फिल्मों में काम करना और राजनीति करना, दोनों अलग अलग बात है। दोनों में दूर दूर तक कोई समानता नहीं है। उनके लिए राजनीति करना एक कठिन काम था और उन्होंने इससे किनारा करना ही उचित समझा। जया जी की मानें तो अमिताभ ने जब राजनीति से सन्यास लेने का फैसला किया था उस वक्त उन्होंने कहा था कि वह राजनेताओं की तरह नहीं रह सकते हैं और न ही उनकी तरह बोल सकते हैं।
दरअसल, अमिताभ बहुत ही निजी जिंदगी जीने वाले इंसान हैं और जब किसी शख्स को सिनेमा और जनता के बीच, दो प्रोफेशन में एक साथ काम करना पड़ता है तो उसे इन दोनों मोर्चों पर तालमेल बैठाना पड़ता है। लेकिन अमिताभ इन हालातों को सही तरह से हैंडल नहीं कर पा रहे थे। यही वजह थी कि उन्होंने राजनीति से अपने कदम पीछे खींच लिए।