अटल जी की पसंदीदा फिल्म बैजू बावरा के फेमस गीत गाते गाते मोहम्मद रफी के गले से खून आने लगा

अटल जी की पसंदीदा फिल्म बैजू बावरा के फेमस गीत गाते गाते मोहम्मद रफी के गले से खून आने लगा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की पसंदीदा फिल्म बैजू बावरा का लोकप्रिय गाना ओ दुनिया के रखवाले गाने के बाद मोहम्मद रफी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। ऐसा क्या हुआ था कि डॉक्टरों ने उन्हें तीन हफ्ते तक आराम करने के लिए कहा था। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में…

हम सभी इस बात से जानते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फिल्में देखने का शौक था। जब कभी उन्हें मौका मिलता था तो वो फिल्म देखने निकल जाते थे। भारत भूषण की “बैजू बावरा” अटल बिहारी की पसंदीदा फिल्मों में से एक रही है। इसके अलावा पूर्व पीएम को दिलीप कुमार वैजंतीमाला स्टारर देवदास, बंदिनी जिसमें अशोक कुमार, नूतन और धर्मेंद्र मुख्य भूमिका में थे और राजकपूर की तीसरी कसम उन्हें खास पसंद थी। अटल जी के करीबी बताते हैं कि अटल जी ने हेमा मालिनी स्टारर सीता और गीता 25 बार देखी थी।

आज हम आप को पूर्व प्रधानमंत्री के पसंदीदा फिल्म बैजू बावरा से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे है। जिसे सुनकर आप के होश उड़ जाएंगे। ये किस्सा इस फिल्म के लोकप्रिय गाना “ओ दुनिया के रखवाले” से जुड़ा है। इस गाने की रिकार्डिंग के बाद रफी साहब को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। राग दरबारी पर आधारित इस गाना को गाने से पहले रफी साहब काफी चिंतित थे। कैसे इसे यादगार बनाया जाए। गाने की रिकार्डिंग से पूर्व कई दिनों तक संगीतकार नौशाद ने मोहम्मद रफी को अपने घर बुलाकर गाने का रिहर्सल करवाया था।

नौशाद चाहते थे कि जब इस गाने की रिकार्डिंग हो तो रफी की आवाज आखिरी रेंज तक जाए। जब नौशाद को यकीन हो गया कि रफी साहब पूरी तरह से तैयार हैं तो उन्होंने रिकार्डिंग की तैयारी शुरू कर दी। तय समय पर रिकार्डिंग शुरू हुई, सब कुछ ठीक चल रहा था नौशाद खुश थे। लेकिन जैसे ही रफी साहब ने इस गाने का अंतिम अलाप लिया उनके स्वरतंत्रियों में झमक पैदा हो गई और उनके गले में खून उतर आया। दरअसल अंतिम अलाप के दौरान रफी अपनी आवाज को इतनी ऊंचाई पर ले गए जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।

रफी के गले में खून उतर आया लेकिन वो गाना गाते रहे। रिकार्डिंग खत्म हुआ तो नौशाद की नजर गले से बहते खून पर पड़ी तो वो घबरा गए। मोहम्मद रफी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने रफी को तीन हफ्ते तक किसी भी गाने की रिकार्डिंग से दूर रहने की सलाह दी। हिन्दी सिनेमा में राग दरबारी पर आधारित जितने भी गाने बनाए गए हैं उसमें रफी का गया ये गाना आज भी सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 

Close Menu
×
×

Cart